शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की रचनाएंःपरिणिता -5

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परिणिता भाग 5 5) गुरुचरण बाबू बहुत ही मिलनसार व्यक्ति थे। किसी भी छोटे-ड़े व्यक्ति से वे निःसंकोच बातें कर सकते थे। अपनी मिलनसार आदत के कारण ही, गिरीन्द्र के साथ ...

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